
जीवन चक्र आसान नहीं,
अपने हाथ में लगाम नहीं।
लेकिन क्या कर सकते हो?
युद्ध से पहले अभ्यास कर सकते हो।
पराजय प्रयास है साहस विजयी,
युद्ध का नियम है यही।
डटे रहो अपने निश्चय वचन पर,
ध्यान रहे केवल मंजिल पर।
रणनीति सुनिश्चित करो,
लक्ष्य तुम्हारा जीत हो।
जिन्दगी रणभूमि का मैदान है,
सांसे संघर्ष परिणाम बलिदान है।
धैर्य है शस्त्र बुद्धि है किला,
सोच सम्राज्य शासन अपना चला।
कवि: नीतिश कुमार
Kavi: Nitish Kumar
Publish By The DN Classic copyright holder 16th December,2022